उलझने ...!
Magic of "Blue Eyes"
Monday, 22 September 2025
Monday, 18 August 2025
Monday, 9 September 2024
वो बेरुखी की चादर ओढ़े बैठें रहे, हम इश्क़ में बाहें खोले बैठें रहे।।
.......ऐ दोस्त .......
Friday, 16 August 2024
Tuesday, 13 August 2024
Monday, 22 July 2024
Saturday, 13 July 2024
Friday, 12 July 2024
Saturday, 4 May 2024
Wednesday, 20 March 2024
Tuesday, 12 March 2024
Thursday, 7 March 2024
Wednesday, 6 March 2024
Saturday, 2 March 2024
Saturday, 17 February 2024
Monday, 1 January 2024
Monday, 25 December 2023
Friday, 22 December 2023
Monday, 4 December 2023
Wednesday, 29 November 2023
Saturday, 25 November 2023
Wednesday, 22 November 2023
Saturday, 4 November 2023
Friday, 27 October 2023
तेरा नशां ... !
काफ़ी अरसे बाद बात हुई उनसे, मुलाकात तो नहीं, पर उनके जज़्बात बयां हुए हमसे।
वो इश्क़ में है उनको ख़बर भी है मोह्हबत के नशें से बेख़बर भी है।।
उनको मोह्हबत में अपनी तड़प का अंदाज़ा है, मोह्हबत में उनको मेरा ,मेरा उनका तकाजा है।
वो इश्क़ करना चाहते है बड़े अदब के साथ, हम उनसे इश्क़ निभाना जानते है मोह्हबत के साथ।।
Friday, 20 October 2023
Monday, 16 October 2023
ख़ुदग़र्ज इश्क़...!
हम इश्क़ में थे वो ख़ुदग़र्ज समझ बैठें,
हम इश्क़ में थे वो ख़ुदग़र्ज समझ बैठें,
हम दर्द में थे वो बेदर्द समझ बैठें,
उसने कहा वक़्त के साथ सारे ज़ख़्म ठीक हो जाते है,
हमने भी उनसे कह दिया तुम कहते हो तो मान लेते है....
".....मेरी जान....."
मग़र मोह्हबत में लगे हर ज़ख़्म वक़्त के साथ ठीक तो नहीं पर नासूर ज़रूर हो जाते है।