Monday, 16 October 2023


                     ख़ुदग़र्ज इश्क़...!




हम इश्क़ में थे वो ख़ुदग़र्ज समझ बैठें,

हम इश्क़ में थे वो ख़ुदग़र्ज समझ बैठें,

 हम दर्द में थे वो बेदर्द समझ बैठें,


उसने कहा वक़्त के साथ सारे ज़ख़्म ठीक हो जाते है,

हमने भी उनसे कह दिया तुम कहते हो तो मान लेते है....

 ".....मेरी जान....." 

मग़र मोह्हबत में लगे हर ज़ख़्म वक़्त के साथ ठीक तो नहीं पर नासूर ज़रूर हो जाते है। 









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