ज़िंदगी से कश्मक़श .......!
अर्ज़ है ........!
सोच में एक ख्याल आया था...... कि जैसा चाहा था, वो कभी मुझे मिल न सका........!
हर बार चीजें बदलती रही......हालातों से मैं लड़ता रहा,
न मुझे कोई समझ सका और न मैं अपनी चीजें समझा सका.......!
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