Monday, 22 July 2024

ज़िंदगी से कश्मक़श .......!





अर्ज़ है ........! 

सोच में एक ख्याल आया था...... कि जैसा चाहा था, वो कभी मुझे मिल न सका........!

हर बार चीजें बदलती रही......हालातों से मैं लड़ता रहा, 

न मुझे कोई समझ सका और न मैं अपनी चीजें समझा सका.......!






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