मेरी क़ोशिशे.....!
मैं क़ोशिशे करता रहता हूँ उनको पाने की, वो आज़माइशे करते रहते है मुझसे दूर जानें की।
कभी वक़्त मिले मेरे बारे में सोंचने का,
.... मेरी जान....
तो बस इतना ही याद ऱखना कोई था, जो क़ोशिश करता रहता था सिर्फ़ मुझें समझनें की।।
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