Saturday, 13 July 2024

 

ज़िंदगी की दौड़......!



कुछ कहना था ,कुछ सुनना था।

कुछ बताना था, कुछ समझना था।  

.....ऐ ज़िंदगी.....

ज़िंदगी की दौड़ में, उसे अपने साथ आगे बढ़ाना था। 







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