हुस्न की गुस्ताख़ निगाह....!
गुस्ताख़ निगाह आपकी थी, इल्ज़ाम हम पर लगे |
हम इश्क़ में थे, इसलिए इंतज़ार करते रहे ||
मुझको ख़बर भी न हुई, ....मेरी जान....
कि आप पहले ही वादें तोड़ फ़रार होने को निकल पड़े ||
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