बढ़ती दूरियां.....!
मेरा वक़्त हो रहा है जानें का,
उनका वक़्त नहीं ख़त्म हो रहा हैं मुझे आज़माते रहने का।
दूरियां बढ़ रही हैं धीऱे - धीऱे ,
...... मेरी जान ......
क्या कभी आपको भी फ़र्क पड़ेगा मेरे होने या न होने का।।
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