Saturday, 4 May 2024


वक़्त और हालात....!




वक़्त की लात कुछ ऐसी पड़ी मुझे, जो अपने थे वो पराये हो गए, 

समझ न सके जज़्बात मेरे और गुस्से में मेरे खिलाफ हो गए, 

ये तो अच्छा है न     ....ऐ दोस्त .....

कि उनका गुस्सा मुझसे ज़्यादा प्यारा है उन्हें।










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