वक़्त और हालात....!
वक़्त की लात कुछ ऐसी पड़ी मुझे, जो अपने थे वो पराये हो गए,
समझ न सके जज़्बात मेरे और गुस्से में मेरे खिलाफ हो गए,
ये तो अच्छा है न ....ऐ दोस्त .....
कि उनका गुस्सा मुझसे ज़्यादा प्यारा है उन्हें।
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