वहम.....!
वो मेरा वहम ही था शायद , जो वहम ही रह गया ,
मैंने अपनी औकात देखीं नहीं और आपसे इश्क़ हो गया,
ऐ मेरी जान......!
मैं आपके इश्क़ के भ्रम में रहा और अपनी औकात भूल गया..
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