Saturday, 2 March 2024


नादान इश्क़ ...!





हम नादान थे, नादान ही रह गए, वो अंज़ान से, होशियार हो गए. 

हम उनके मोह में बदनाम हो गए , वो ये जान कर और अंज़ान हो गए.




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