Monday, 9 September 2024


    कम्बख़त इश्क़.......!









वो बेरुखी की चादर ओढ़े बैठें रहे, हम इश्क़ में बाहें खोले बैठें रहे।

वो बेरुखी की चादर ओढ़े  बैठें रहे, हम इश्क़ में बाहें खोले बैठें रहे।।

.......ऐ दोस्त .......

वो हाँ ना, हाँ ना, करते रहे। वो.... हाँ ना, हाँ ना, करते रहे,
हम भी कम्बख़त उनके इश्क़ में थे।
तो हम भी उनके पीछें - पीछें चलते रहे।।













Friday, 16 August 2024


कैसी ये राहें......!






ताउम्र मेरे साथ देने की चाह में कई लोग मेरे साथ मेरे बन कर चल दिए.......
ताउम्र मेरे साथ देने की चाह में कई लोग मेरे साथ मेरे बन कर चल दिए.......
.........ऐ दोस्त.......
कुछ लोग राह में बदल गए, और कुछ लोग तो राह ही बदल दिए.....!










Tuesday, 13 August 2024

 

बढ़ती दूरियाँ......!




मैं तुम्हें तुम्हारे तौर-तरीकों से दूर नहीं हो रहा हूँ

.........ऐ मेरी जान ........

मैं तुमसे इसलिए दूर हो रहा हूँ कि तुम मुझसे दूर रह कर खुश रहो।















Monday, 22 July 2024

ज़िंदगी से कश्मक़श .......!





अर्ज़ है ........! 

सोच में एक ख्याल आया था...... कि जैसा चाहा था, वो कभी मुझे मिल न सका........!

हर बार चीजें बदलती रही......हालातों से मैं लड़ता रहा, 

न मुझे कोई समझ सका और न मैं अपनी चीजें समझा सका.......!






Saturday, 13 July 2024

 

ज़िंदगी की दौड़......!



कुछ कहना था ,कुछ सुनना था।

कुछ बताना था, कुछ समझना था।  

.....ऐ ज़िंदगी.....

ज़िंदगी की दौड़ में, उसे अपने साथ आगे बढ़ाना था। 







Friday, 12 July 2024


न समझ इश्क़...!



कहने को तो बहुत कुछ है, पर समझने वाला नहीं है। 

बताया भी बहुत कुछ है, पर कोई समझा नहीं। 

......ऐ मेरी जान......

कहने को तो इश्क़ है, पर कभी बताया नहीं। 







Saturday, 4 May 2024


वक़्त और हालात....!




वक़्त की लात कुछ ऐसी पड़ी मुझे, जो अपने थे वो पराये हो गए, 

समझ न सके जज़्बात मेरे और गुस्से में मेरे खिलाफ हो गए, 

ये तो अच्छा है न     ....ऐ दोस्त .....

कि उनका गुस्सा मुझसे ज़्यादा प्यारा है उन्हें।











बेइंतहा इश्क़ ......!





मुझे पता है कि हम मिल नहीं सकते, 

एक होकर भी कभी एक साथ हो नहीं सकते.

इश्क़ तो बेइंतहा है तुमसे,

ऐ मेरी जान......! 

 मगर तुम मेरे होकर भी कभी मेरे हो नहीं सकते.....!











Wednesday, 20 March 2024



वहम.....!





 वो मेरा वहम ही था शायद , जो वहम ही रह गया , 

मैंने अपनी औकात देखीं नहीं और आपसे इश्क़ हो गया, 

ऐ मेरी जान......!

मैं आपके इश्क़ के भ्रम में रहा और अपनी औकात भूल गया..





Tuesday, 12 March 2024

 किस्मत-ऐ-दास्तां......! 






कभी मिले जो मौत से किसी राह में, तो सुनाएंगे अपनी किस्मत-ऐ-दास्तां उसे,

 दर्द होगा शायद उसे, पर हस्ता जाऊंगा मैं, 

क़िस्मत मान कर अपनी, बस चलता चला जाऊंगा उसके साथ में मैं। 










Thursday, 7 March 2024

    

       

अज़ब इश्क़ है तेरा ........ ! 





जब दूर थे, तब पास आने की क़ोशिश कर रहे थे, 

जब पास थे, तो दूर जाने की क़ोशिश करते रहे। 

अज़ब इश्क़ है तेरा, ...............ऐ मेरी जान........ ! 

लोग इश्क़ करते है रिश्तें बनाने के लिए, 

आपने इश्क़ कर लिया फासलें बनाने के लिए।। 






Wednesday, 6 March 2024



        बेज़ुबाँ इश्क़..... ! 




जब भी तड़पे बताया मैंने ,जब भी रोये अपना दर्द जताया मैंने।

ऐ मेरी जान......!

 अब आपको न तड़प बतायेगे न , और न दर्द जताएंगे ।

बस यूँ ही चुपचाप आपकी जिंदगी से निकलते चले जायेंगे।।







Saturday, 2 March 2024


नादान इश्क़ ...!





हम नादान थे, नादान ही रह गए, वो अंज़ान से, होशियार हो गए. 

हम उनके मोह में बदनाम हो गए , वो ये जान कर और अंज़ान हो गए.




Monday, 19 February 2024

 


अजब इश्क़.....!





 बड़ा अजब इश्क़ है मेरा,

मैं करता हूँ पूरा, 

पर रहता है हमेशा अधूरा। 







Saturday, 17 February 2024

         इश्क की लत ......!







मैं हर क़दम पर उसका साथ निभाता रहा. वो भी कुछ क़दम साथ चलती रही.

कभी धीमें - कभी  तेज़, कभी ऊपर - कभी नीचे.

बस ज़िन्दगी ऐसे ही हमारी चलती रहीं।

न वो कुछ समझ सके, न उनसे कुछ कह सके हम,  

बस ऐसे ही उनके इश्क़ में उलझते रहे हम। 






Monday, 1 January 2024

 

बढ़ती दूरियां.....!






मेरा वक़्त हो रहा है जानें का, 

उनका वक़्त नहीं ख़त्म हो रहा हैं मुझे आज़माते रहने का। 

दूरियां बढ़ रही हैं धीऱे - धीऱे ,

 ...... मेरी जान ......  

क्या कभी आपको भी फ़र्क पड़ेगा मेरे होने या न होने का।