गुस्ताख़ियां....!
हम नादान थे, जो उनकी गुस्ताख़ियों को माफ़ करते गए,
हम नादान थे, जो उनकी गुस्ताख़ियों को माफ़ करते गए,
और एक वो थे, जो खुद की गुस्ताख़ियों के लिए हमे साफ़ करते गए ।।
यूँ तो बहुत हुई गुस्ताख़ियां उनसे ता उम्र.....
यूँ तो बहुत हुई गुस्ताख़ियां उनसे ता उम्र,
वो गुस्ताख़ियों से सीख लेते लेते, हमे ही गुस्ताख़ बता गए।।
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