Thursday, 21 September 2023



 क़िस्मत की लकीरें....!






मेरे हांथों की लकीरें कुछ टूटी - टूटी सी है, मेरी क़िस्मत मुझसे इस तरह से रुठीं है।

और वो जो मेरी ज़िन्दगी है,

और वो... जो मेरी ज़िन्दगी है,

वो अपने ही दिल - ओ - दिमाग़ के उधेड़बुन फसीं बैठी है।। 







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