हक़ की बातें...!
हम पल - पल उनको समझते हुए समझाते रहे, वो हल पल न समझ होते गए।
हम उनके हक़ में सारे फ़ैसले लेते रहे, वो हमारा ही हक़ हमसे छीनते गए।।
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