Tuesday, 26 April 2022

बेपरवाह सी मोहब्बत...!!

वो बेपरवाह सी लड़की मोहब्बत  कर बैठी ऐसी , जिसको पता न भी था की मोहब्बत होती है कैसी | 
उसको लगता था की सिर्फ मिलना, बात करना, उसका कहना मानना ही मोहब्बत है | 

जैसा वो कहता गया वैसा वो करती गयी , अपनी आज़ादी को भूलती गयी | 
अपने आप को बेड़ियों में बांधती गयी , अपनी ज़िंदगी के मायने को बदलती गयी | 

उसके ऊपर मोहब्बत से ज़्यादा पाबंदियां बढ़ती गयी , उसके मोबाइल पर दोस्त, रिश्तेदारों के call /msg से ज्यादा प्रमोशनल call /msg  की संख्या हो गयी |  समझदार होने की जगह वो और न समझ बनती गयी , खुद को समझाने के लिए खुद से झूठ बोलती गयी |  

चेहरे पर अपने खुश दिखने का नक़ाब पहनती गयी, घुट घुट कर ज़िंदगी जीती  रही | 


जब असल में हुई उसको ,उसकी पारवाह करने वाले से मोहब्बत तो उससे भी वो नफ़रत करती गयी , न समझी में हुई गलती को मोहब्बत नाम देकर वो भागती  रही | 

दिल ही दिल में मोहब्बत कर सामने से उसको ठुकराती गयी , वो बताता रहा , समझाता रहा वो एक कान से सुनकर दूसरे कान से निकलती गयी | 

खुद गलती कर उसको ज़िम्मेदार ठहराती गयी , वो बेपरवाह सी मोहब्बत करता रहा, वो समझ कर भी न समझ बनती रही | 




मोहब्बत पहले की तरह आज भी बेपरवाह सी है मेरी , और आगे भी रहेंगी | 
आप से ही की है और आपसे से ही रहेगी || 
आपके आने का वक़्त कितना भी लम्बा क्यों न हो | 
मेरी आंखे सिर्फ़ आपके दीदार  के लिए इंतज़ार करेंगी || 

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