" जो मैंने कहा नहीं वो आपने सुना नहीं, इसका ये मतलब नहीं, मुझे आपसे चाह नहीं।
और जो कहा वो आपने सुन कर भी सुना नहीं, दर्द दोनों में हुआ मुझे, बस वो आपको कभी दिखा नहीं। "
बारिश और तुम !
जब-जब बारिश की बूँद गिरती ही है ज़मी पे, ज़मी बारिश की बूँदों से ज़्यादा मेरी आँखों से हो जाती है नम।